Daily Routine in Ayurveda (आयुर्वेद दिनचर्या)
- July 3, 2024
- Posted by Dr. Vaidya Karanvir Singh
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आयुर्वेद में दिनचर्या को स्वस्थ जीवन शैली के महत्वपूर्ण अंग के रूप में देखा जाता है। सही दिनचर्या का पालन करके व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य को बनाए रख सकता है। यहाँ कुछ प्रमुख तत्व दिए गए हैं:
1. प्रातःकालीन क्रियाएँ (Morning Routine):
–जल नेति: नाक की सफाई के लिए नमक के पानी से नासिका धोना।
–कब्ज़ से बचाव: गुनगुने पानी में नींबू और शहद मिलाकर पीना।
–मल त्याग: स्वाभाविक रूप से मल त्याग करना।
2. दन्तधावन (Oral Hygiene):
– दांतों की सफाई के लिए हर्बल पेस्ट या दातून का उपयोग।
– जिव्हा साफ करने के लिए टंग क्लीनर का उपयोग।
3. आभ्यंग (Oil Massage):
– तिल या नारियल तेल से पूरे शरीर की मालिश करना।
– यह तनाव को कम करता है, त्वचा को पोषण देता है और शरीर को शुद्ध करता है।
4. स्नान (Bathing):
– गर्म पानी से स्नान करना, इससे रक्त संचार बेहतर होता है और शरीर ताजगी महसूस करता है।
5. योग और ध्यान (Yoga and Meditation):
– नियमित योगासन और प्राणायाम करना।
– ध्यान का अभ्यास मानसिक शांति और ध्यान केंद्रित करने के लिए करना।
6. आहार (Diet):
– संतुलित और सात्विक आहार का सेवन।
– मौसम और शारीरिक प्रकृति (वात, पित्त, कफ) के अनुसार आहार का चयन।
– भोजन के पहले और बाद में पानी का सेवन।
आयुर्वेद चिकित्सा (Ayurvedic Treatment)
आयुर्वेद में विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए प्राकृतिक और हर्बल उपचारों का उपयोग किया जाता है। कुछ मुख्य चिकित्सा विधियाँ निम्नलिखित हैं:
1. पंचकर्म (Panchakarma):
–वमन: शरीर से कफ दोष को निकालने के लिए वमन (उल्टी) का उपयोग।
–विरेचन: पित्त दोष को निकालने के लिए जुलाब का उपयोग।
–बस्ती: वात दोष को संतुलित करने के लिए औषधीय एनीमा का उपयोग।
–नस्य: नाक के माध्यम से औषधियों का प्रशासन।
–रक्तमोक्षण: रक्त की शुद्धि के लिए रक्त निकालना।
2. हर्बल औषधियाँ (Herbal Medicines):
–अश्वगंधा (Ashwagandha): तनाव और ऊर्जा को बढ़ाने के लिए।
–त्रिफला: पाचन और शुद्धिकरण के लिए।
–गिलोय (Giloy): इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए।
–शतावरी: महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए।
3. आहार और पोषण (Diet and Nutrition):
– रोगानुसार विशेष आहार और पोषण का परामर्श।
– सात्विक आहार और हर्बल चाय का सेवन।
4. योग और प्राणायाम (Yoga and Pranayama):
– विभिन्न रोगों के लिए विशेष योगासन और श्वास क्रियाएँ।
– मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक लचीलापन को बढ़ाने के लिए।
5. लाइफस्टाइल और दिनचर्या (Lifestyle and Daily Routine):
– दैनिक दिनचर्या का पालन।
– ऋतुचर्या (मौसम के अनुसार दिनचर्या) का पालन।
निष्कर्ष (Conclusion)
आयुर्वेदिक दिनचर्या और चिकित्सा, स्वस्थ जीवन शैली और रोग मुक्त जीवन के लिए एक संपूर्ण और प्राचीन पद्धति है। यह शारीरिक, मानसिक और आत्मिक संतुलन को बढ़ावा देती है और व्यक्ति को समग्र स्वास्थ्य प्रदान करती है। व्यक्तिगत प्रकृति और आवश्यकताओं के अनुसार, एक योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेना उचित होता है।
Dr. Vaidya Karanvir Singh is the younger Vaidya in Chandigarh Ayurved & Panchakarma Centre. He is the fourth generation in his family who is practicing as a general consultant in Ayurved & Panchakarma treatment at Chandigarh. In his practice, he had treated more than 1 Lakh Plus patients worldwide.